गद्य साहित्य का विकास हिंदी साहित्य के आधुनिक काल से
प्रारंभ हुआ। गद्य साहित्य
अनेक रूपों में उपलब्ध है। यह रूप गद्य की
विधाएं कहलाती हैं।
गद्य की विधाओं को दो भागों में विभाजित किया गया है।
मुख्य विधाएं गौण विधाएं
निबंध जीवनी
कहानी आत्मकथा
उपन्यास संस्मरण
नाटक
रेखा चित्र
एकांकी
पत्र
आलोचना
रिपोतार्ज
साक्षात्कार
(1) निबंध:- निबंध नि+बंध से
बना है, जिसका अर्थ है। अच्छी तरह से बंधा हुआ। "निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं, जिसमें एक सीमित
आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया जाता है"।
प्रमुख निबंधकार निम्न
है।
बाबू गुलाब
राय
श्यामसुंदर दास
रामचंद्र शुक्ल
डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल
हरिशंकर परसाई
विद्यानिवास मिश्र
(2) कहानी:- कहानी वह गद्य
रचना है‚ जिसमें जीवन की
किसी एक स्थिति का सरस जीवन चित्रण होता है। 'इंदुमती' (किशोरी लाल
गोस्वामी) नामक कहानी को हिंदी की प्रथम कहानी माना जाता है।
। प्रमुख
कहानीकार निम्न है
मुंशी प्रेमचंद
जयशंकर प्रसाद
धर्मवीर भारती
मन्नू भंडारी
(3) उपन्यास:- उपन्यास मानव
जीवन की काल्पनिक कथा है। जिसे पढ़कर पाठक
को ऐसा लगे कि यह उसके जीवन की कथा है। और उसी की भाषा
में कही गई है।
प्रमुख उपन्यासकार निम्न है।
मुंशी प्रेमचंद
देवकीनंदन खत्री
जयशंकर प्रसाद
वृंदावन लाल वर्मा
हजारी प्रसाद द्विवेदी
(4) नाटक:- नाटक एक ऐसा
साहित्य रूप है। जिसमें रंगमंच
पर पात्रों के द्वारा किसी कथा का प्रदर्शन होता है। यह प्रदर्शन अभिनय सज्जा, संवाद, नृत्य, गीत आदि के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
प्रमुख नाटककार निम्न है।
जयशंकर प्रसाद
लक्ष्मी नारायण मिश्र
धर्मवीर भारती
मोहन राकेश
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
भीष्म साहनी
(5) एकांकी:- एक अंक के नाटक
को एकांकी कहते हैं। एकांकी में एक
ही घटना होती है। इसमें कोई गौण प्रसंग नहीं
होता है। पात्र सीमित
होते हैं‚ और कथावस्तु भी
स्पष्ट होती है।
प्रमुख एकांकीकार निम्न है।
डॉ रामकुमार वर्मा
जगदीश चंद्र माथुर
सेठ गोविंद दास
लक्ष्मीनारायण मिश्र
उपेंद्रनाथ अश्क
(6) आलोचना:- किसी भी साहित्य
रचना को अच्छी तरह से देखना या परखना, और उनके गुण-दोषों का
निर्णय करना ही
आलोचना कहलाती है। आलोचना को
समालोचना और समीक्षा भी कहते हैं।
प्रमुख आलोचनाकार निम्न है।
आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
आचार्य नंददुलारे बाजपेई
डॉ नगेंद्र
बाबू गुलाब राय
प. रामाशंकर
(7) जीवनी:- जीवनी में लेखक
किसी व्यक्ति का जीवन चरित्र प्रस्तुत करता है। इसमें उस व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक की घटनाओं का
चित्रण होता है।
प्रमुख जीवनी लेखक निम्न है।
बनारसीदास
चतुर्वेदी
गणेश शंकर विद्यार्थी
डॉ रामविलास शर्मा
विष्णु प्रभाकर
अमृत राय
(8) आत्मकथा:- आत्मकथा में
लेखक स्वयं के जीवन के प्रसंगों की व्याख्या करता है। लेखक इसमें पूरी ईमानदारी के साथ आत्म चित्रण करता है।
प्रमुख आत्मकथा लेखक निम्न है।
भारतेंदु
हरिश्चंद्र
महावीर प्रसाद द्विवेदी
महात्मा गांधी
हरिवंश राय बच्चन
वृंदावन लाल वर्मा
बाबू गुलाब राय
(9) संस्मरण:- लेखक के स्मृति
पटल पर अंकित किसी व्यक्ति विशेष के जीवन की कुछ घटनाओं को रोचक विवरण संस्मरण
कहलाता है, इसमें लेखक केवल
उसी का वर्णन करता है‚ जो उसने स्वयं
देखा व अनुभव किया है।
प्रमुख संस्मरण लेखक निम्न है।
महादेवी वर्मा
कन्हैयालाल मिश्र
बाबू गुलाब राय
देवेंद्र सत्यार्थी
इलाचंद्र जोशी
(10) रेखा चित्र:- जब लेखक शब्दों
के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु या दृश्य
का इस प्रकार वर्णन करता है, कि आंखों के आगे उस व्यक्ति, वस्तु या दृश्य का चित्र खींचता चला जाए तो‚ इसे रेखाचित्र कहते हैं।
प्रमुख रेखाचित्र लेखक निम्न है।
बनारसीदास
चतुर्वेदी
महादेवी वर्मा
(11) रिपोतार्ज:- यह मूल रूप से
फ्रेंच भाषा का शब्द है। हाल ही में घटी
घटना तथा लेखक के द्वारा प्रत्यक्ष देखी गई घटनाओं का अंतरंग अनुभव के द्वारा किया
गया वर्णन रिपोतार्ज कहलाता है। अंग्रेजी में
ऐसे ‘रिपोर्ट’ कहते हैं।
(12) पत्र:- किसी व्यक्ति
द्वारा लिखे गए पत्रों में उसकी सहजता एवं उसके व्यक्तित्व के स्वाभाविक रूप को भर
कर सामने आता है। क्योंकि यह एक
व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को लिखा गया होता है ऐसे पत्र साहित्य की दृष्टि से
मूल्यवान हो जाते हैं। (महात्मा गांधी
द्वारा लिखे गए पत्र नेहरू जी द्वारा जेल से इंदिरा गांधी को लिखे गए पत्र)
(13) साक्षात्कार:- साक्षात्कार को
भेंट-वार्ता भी कहते हैं। व्यक्ति विशेष
के विचारों का जानने व उन विचारों का सर्वसाधारण तक पहुंचाने के लिए प्रतिनिधि
उनसे भेंट कर किसी समस्या पर वार्ता करते हैं। तथा उन वार्ताओं को साहित्यिक शैली में प्रस्तुत करते हैं। ऐसी रचनाएं भेंट वार्ता या साक्षात्कार कहलाती हैं।
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महोदय बच्चों की अध्ययन की दृष्टि से सारगर्भित और सरल परिभाषाएं दी हुई हैं बच्ची सरलता से गद्य की प्रमुख विधाओं की बारे में अध्ययन कर सकेंगे
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर,
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