मानव को समाज में अपने भावों या विचारों के आदान प्रदान करने के लिए भाषा की आवश्यकता
होती है। भाषा का निर्माण वाक्यों
के द्वारा होता है। वाक्य सार्थक
शब्दों या पदों के योग से बनता है।
वाक्य
की परिभाषा:- दो या दो से
अधिक शब्दों का समूह‚ जिसमें किसी भाव
अथवा विचार की स्पष्ट अभिव्यक्ति होती है। उसे वाक्य कहते हैं।
वाक्य दो प्रकार के होते हैं।
(1) - अर्थ
के आधार पर
(2) - रचना
के आधार पर
अर्थ के आधार पर वाक्य 8
प्रकार के होते हैं।
(1) विधानवाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों में किसी कार्य अथवा क्रिया के करने या होने
की अभिव्यक्ति हो, उन्हें विधान
वाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- गौरव ग्वालियर में
रहता है।
रमेश विद्यालय जाता है।
(2) निषेधवाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों में किसी कार्य के निषेध अथवा न होने का आभास
होता है, उन्हें निषेधात्मक या निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- गौरव ग्वालियर में
नहीं रहता है।
रमेश विद्यालय नहीं जाता है।
(3) प्रश्नवाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात किसी से कोई बात
पूछी जाए, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- क्या गौरव
ग्वालियर में रहता है?
क्या रमेश विद्यालय जाता है?
(4) विस्मयादिबोधक
वाक्य:- जिन वाक्यों में हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा आदि के भाव
प्रकट होते हैं, उन्हें
विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- अरे! गौरव
ग्वालियर में रहता है।
वाह! रमेश विद्यालय जाता है।
(5) आज्ञावाचक
वाक्य:- जिन बातों से आदेश या अनुमति देने का बोध होता है, उन्हें आज्ञा
वाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- गौरव तुम ग्वालियर में
रहो।
रमेश तुम विद्यालय जाओ।
(6) इच्छावाचक
वाक्य:- जिन वाक्य में इच्छा, शुभकामना, आशीर्वाद आदि भावों का बोध होता है, उन्हें इच्छा
वाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- काश, गौरव ग्वालियर में रहता।
मैं चाहता हूं, कि रमेश विद्यालय जाए।
(7) संदेहवाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों में कार्य के होने में संदेह प्रकट होता है, उन्हें संदेहवाचक
वाक्य कहते हैं।
जैसे:- शायद गौरव
ग्वालियर में रहता है।
रमेश आज विद्यालय पहुंच गया होगा।
(8) संकेतवाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों में एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने
का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक
वाक्य कहते हैं।
जैसे:- यदि गौरव ग्वालियर में रहना चाहता है तो रहसकता है।
यदि रमेश विद्यालय जाए तो काम बन जाएगा।
रचना
के आधार पर वाक्य के तीन प्रकार होते हैं
(1) सरल
वाक्य:- जिन वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय हो, उसे सरल वाक्य
कहते हैं सरल वाक्य में एक ही क्रिया होती है।
जैसे:- मोहन भोजन कर रहा
है।
बालक खेल रहे हैं।
(2) मिश्रित
या मिश्र वाक्य:- जिन वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य के साथ एक या अधिक आश्रित वाक्य जुड़े होते हैं, उसे मिस्र वाक्य
कहते हैं।
जैसे:- रमेश ने कहा कि
मैं फूल लाता हूं।
जो पुस्तक पढ़
रहा है वह मेरा भाई है।
(3) संयुक्त
वाक्य:- वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य अथवा मिश्र वाक्य
योजको द्वारा जुड़े होते हैं, संयुक्त वाक्य कहलाते हैं। यह वाक्य और, या,
अथवा, किंतु, एवं, लेकिन आदि योजक
शब्दों से जुड़े रहते हैं।
जैसे:- तुम आए और वह चले गए
ठीक से काम करो या नौकरी छोड़ दो
मैं आपके घर कई
बार आया किंतु आप मेरे घर एक भी बार नहीं आए
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