कक्षा-10 पाठ-16 नौबतखाने में इबादत (हिंदी) क्षितिज भाग-2 - हिंदी गुरु

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शुक्रवार, 18 जून 2021

कक्षा-10 पाठ-16 नौबतखाने में इबादत (हिंदी) क्षितिज भाग-2

 


                           पाठ-16 नौबतखाने में इबादत हिंदी

 

प्रश्न 1.शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है?

उत्तर- शहनाई की दुनिया में डुमराँव को याद किए जाने के मुख्यतया दो कारण हैं

1.शहनाई बजाने में जिस रीड का प्रयोग किया है वह डुमराँव में ही सोन नदी के किनारे मिलती है। इस रीड के बिना शहनाई बजना मुश्किल है।

2.मशहूर शहनाई वादक "बिस्मिल्ला खाँ" का जन्म डुमराँव गाँव में ही हुआ था।

 

प्रश्न 2.बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक क्यों कहा गया है?

उत्तर- बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक इसलिए कहा गया है क्योंकि शहनाई ऐसा वाद्य है जिसे मांगलिक अवसरों पर ही बजाया जाता है। उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ शहनाई वादन के क्षेत्र में अद्वितीय स्थान रखते हैं। इन्हीं कारणों के वजह से बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है।

 

प्रश्न 3.सुषिर-वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई कोसुषिर वाद्यों में शाहकी उपाधि क्यों दी गई होगी?

उत्तर- सुषिर वाद्यों से अभिप्राय उन वाद्यों से है जिनमें सूराख होते हैं और इनको फूँककर बजाया जाता है। शहनाई,बाँसुरी,श्रृंगी आदि सुषिर वाद्य के अंतर्गत आते हैं।इन सुषिर वाद्यों में शहनाई सबसे सुरीली और कर्ण प्रिय आवाज वाली होती है,इसलिए उसेसुषिर वाद्यों में शाह की उपाधि दी गई।

 

प्रश्न 4.आशय स्पष्ट कीजिए-

() ‘फटा सुर बख्। लुंगिया का क्या है, आज फटी है, तो कल सी जाएगी।

() ‘मेरे मालिक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।

() ‘फटा सुर बख्। लुंगिया का क्या है, आज फटी है, तो कल सी जाएगी।

उत्तर-() बिस्मिल्ला खाँ को दुनिया उनकी शहनाई के कारण जानती है, लुंगी के कारण नहीं। वे खुदा से हमेशा सुरों का वरदान माँगते रहे हैं। उन्हें लगता है कि अभी वे सुरों को बरतने के मामले में पूर्ण नहीं हो पाए हैं। यदि खुदा ने उन्हें ऐसा सुर और कला दी होती तो वे प्रसिद्ध हो पाते। फटे सुर को ठीक करना असंभव है पर फटे कपड़े आज नहीं तो कल सिल ही जाएँगे।

() ‘मेरे मालिक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।

उत्तर-() बिस्मिल्ला खाँ महान कलाकार हैं। उन्हें अभिमान छू भी गया है। सफलता के शिखर पर पहुँचने के बाद भी वे खुदा से ऐसा सुर माँगते हैं जिसे सुनकर लोग आनंदित हो उठे। इस आनंद से उनका रोम-रोम भीग जाए और उनकी आँखों से आनंद के आँसू बह निकले।

 

प्रश्न 5.काशी में हो रहे कौन-से परिवर्तन बिस्मिल्ला खाँ को व्यथित करते थे?

उत्तर-समय के साथ-साथ काशी में अनेक परिवर्तन हो रहे हैं जो बिस्मिल्ला खाँ को दुखी करते हैं, जैसे

1.पक्का महाल से मलाई बरफ़ वाले गायब हो रहे हैं।

2.कुलसुम की कचौड़ियाँ और जलेबियाँ अब नहीं मिलती हैं।

3.संगीत और साहित्य के प्रति लोगों में वैसा मान-सम्मान नहीं रहा।

4.गायकों के मन में संगतकारों के प्रति सम्मान भाव नहीं रहा।

5.वहाँ हिंदु और मुसलमानों में पहले जैसा भाईचारा नहीं है।

 

प्रश्न 6.पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते हैं कि

() बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे।

() वे वास्तविक अर्थों में एक सच्चे इनसान थे।

 (बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे।

उत्तर-() बिस्मिल्ला खाँ मिली जुली संस्कृति के प्रतीक थे। उनका धर्म मुस्लिम था। मुस्लिम धर्म के प्रति उनकी सच्ची आस्था थी परन्तु वे हिंदु धर्म का भी सम्मान करते थे। इसके अलावा वे हज़रत इमाम हुसैन की शहादत पर दस दिनों तक शोक प्रकट करते थे तथा आठ किलोमीटर पैदल चलते थे और रोते हुए नौहा बजाया करते थे। इसी तरह वे काशी में रहते हुए गंगामैया, बालाजी और बाबा विश्वनाथ के प्रति असीम आस्था रखते थे। वे हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित शास्त्रीय गायन में भी उपस्थित रहते थे। इन प्रसंगों के आधार पर हम कह सकते हैं कि बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे।

(वे वास्तविक अर्थों में एक सच्चे इनसान थे। 

उत्तर-() बिस्मिल्ला खाँ एक सच्चे इंसान थे। वे धर्मों से अधिक मानवता को महत्व देते थे, हिंदु तथा मुस्लिम धर्म दोनों का ही सम्मान करते थे, भारत रत्न से सम्मानित होने पर भी उनमें घमंड नहीं था, दौलत से अधिक सुर उनके लिए ज़रुरी था।

 

प्रश्न 7.बिस्मिल्ला खाँ के जीवन से जुड़ी उन घटनाओं और व्यक्तियों का उल्लेख करें जिन्होंने उनकी संगीत साधना को समृद्ध किया?

उत्तर- बिस्मिल्ला खाँ की संगीत साधना को समृद्ध करने वाले व्यक्ति और घटनाएँ निम्नलिखित हैं

1.बिस्मिल्ला खाँ जब सिर्फ़ चार साल के थे तब छुपकर अपने नाना को शहनाई बजाते हुए सुनते थे। रियाज़ के बाद जब उनके नाना उठकर चले जाते थे तब अपनी नाना वाली शहनाई ढूँढते थे और उन्हीं की तरह शहनाई बजाना चाहते थे।

2.अपने मामूजान के सम पर आने पर अमीरुद्दीन पत्थर फेंककर दाद दिया करता था।

3.वे रसूलनबाई और बतूलनबाई दोनों गायिका बहिनों को सुनकर उनके मन में संगीत की ललक जागी।

4.वे कुलसुम हलवाइन के कचौड़ियाँ तलने में संगीत की अनुभूति करते थे।

5.बचपन में वे बालाजी मंदिर पर रोज़ शहनाई बजाते थे। इससे शहनाई बजाने की उनकी कला दिन-प्रतिदिन निखरने लगी।

 

प्रश्न 8.बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?

उत्तर-बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की अनेक विशेषताएँ हैं, जिनसे मैं बहुत प्रभावित हुआ। इन विशेषताओं में प्रमुख हैं 

1. ईश्वर के प्रति उनके मन में अगाध भक्ति थी।

2. मुस्लिम होने के बाद भी उन्होंने हिंदु धर्म का सम्मान किया तथा हिंदु-मुस्लिम एकता को कायम रखा।

3. भारत रत्न की उपाधि मिलने के बाद भी उनमें घमंड कभी नहीं आया।

4. वे एक सीधे-सादे तथा सच्चे इंसान थे।

5. उनमें संगीत के प्रति सच्ची लगन तथा सच्चा प्रेम था।

6. वे अपनी मातृभूमि से सच्चा प्रेम करते थे।

 

प्रश्न 9.मुहर्रम से बिस्मिल्ला खाँ के जुड़ाव को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- मुहर्रम से बिस्मिल्ला खाँ का अत्यंत गहरा जुड़ाव था। इस महीने में शिया मुसलमान हज़रत इमाम हुसैन एवं उनके कुछ वंशजों के प्रति शोक मनाते हैं। इस समय वे शहनाई बजाते हैं और किसी संगीत कार्यक्रम में भाग लेते हैं। आठवीं तारीख को वे करीब आठ किलोमीटर पैदल रोते हुए नौहा बजाते जाते हैं। वे इस दिन कोई राग नहीं बजाते हैं। इस प्रकार वे एक सच्चे मुसलमान की भाँति मुहर्रम से सच्चा लगाव रखते हैं।

 

प्रश्न 10.बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे, तर्क सहित उत्तर दीजिए।

 उत्तर-बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे

1.बिस्मिल्ला खाँ भारत के सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक थे।

2.वे अपनी कला के प्रति पूर्णतया समर्पित थे।

3.उन्होंने जीवनभर संगीत को संपूर्णता एकाधिकार से सीखने की इच्छा को अपने अंदर जिंदा रखा।

4. बे घंटों रियाज करके अपनी कला की उपासना करते थे।

5. सभी लोग उनकी कला की प्रशंसा करते तो वे उसे अपनी नहीं बल्कि ईश्वर की प्रशंसा मानते थे।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे।

इस प्रश्न और उत्तर का वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें...

https://youtu.be/1aX2_LyTn5M

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