बेटियाँ पावन दुआएँ हैं कविता
प्रश्न 1. कवि ने बेटियों को गौरव कथाएँ क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:- कवि ने बेटियों को गौरव कथाएँ इसलिये कहा है,क्योंकि बेटियाँ संसार में ईश्वर के वरदान के समान हैं। बेटियाँ पैगम्बर और गुरु ग्रन्थ साहिब की वाणी की भाँति पवित्र हैं। उनमें त्याग,तप,गुण,धर्म
और साहस होता है। बे दुख को भी मुस्कुराकर सहती हैं और अपनी सहनशीलता के कारण परिवार
को जोड़े रखती हैं।
प्रश्न 2. ‘जीवन में बेटियों का महत्त्व’ विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिये।
उत्तर:- जीवन में बेटियों का महत्त्व समझाते हुए कवि ने कहा कि वे जीवन को सुन्दर आकांक्षाओं से भर देने वाली होती हैं। श्रष्टि को आगे बढ़ाने
में बेटियों का महत्वपूर्ण योगदान है। बेटी के जन्म पर ही कहा जाता है कि घर में लक्ष्मी
आई है। बड़ी होने पर वह दो परिवारों का संबंध जोड़ती है। वे ही मानव को दुःख की घड़ी में सांत्वना प्रदान करती हैं।
प्रश्न 3. ‘आज के बच्चे कल के नागरिक हैं’ विषय पर दस पंक्तियाँ लिखिये।
उत्तर:-
1. आज का बच्चा ही कल का एक संभ्रान्त नागरिक होगा, यह बात अक्षरशः सत्य है।
2. हमारे देश के बच्चे ही बड़े होने के पश्चात इसकी बागडोर थामेंगे।
3. वे ही देश के विकास के लिए प्रयत्नशील रहेंगे।
4. मार्ग में आने वाली समस्त बाधाओं का निराकरण करके अपने पथ को प्रशस्त करेंगे।
5. हम यह कदापि नहीं जानते कि आगे चलकर कौन-सा बच्चा, गाँधी, नेहरू अथवा बोस की भाँति वीर और सत्यवक्ता होगा।
6. हमें इन बच्चों को उत्साहित करके आगे बढ़ने में सहायता करनी चाहिए जिससे देश का भविष्य उज्ज्वल हो।
7. बीज के सृदश बालक के मन-मानस में विकास की सम्भावनाएँ निहित होती हैं।
8. इतिहास साक्षी है कि बालकों ने असम्भव कार्य को भी सम्भव किया है।
9. बालक अच्छे बनकर देश की फुलबगिया में पुष्प के समान पल्लवित होंगे।
10.बच्चे कल के नागरिक बनकर देश की यश-सुरभि को विकीर्ण करेंगे।
प्रश्न 4. ‘बेटियाँ’ कविता का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: 'बेटियां पावन दुआएं हैं' कविता के रचयिता अजहर हाशमी हैं। उन्होंने इस कविता की रचना करके बेटियों को सम्मान प्रदान किया है। उन्होंने बेटियों के महत्त्व को स्वीकारा जो इस प्रकार है। उन्होंने बेटियों को पावन,त्यागमय,धार्मिक और संवेदनशील बताया है। बेटियाँ पैगम्बर के अमूल्य उपदेशों की भाँति हैं और बेटियाँ ही गौतम बुद्ध के आदर्श चरित्र कथाओं की भाँति हैं। बेटियाँ गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी की भाँति पवित्र हैं। ईश्वर स्वयं इनमें निवास करता है।
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. बेटियाँ वेदों की ऋचाओं की भाँति वाणी हैं-
(क) गुरु ग्रन्थ की (ख) वीरता की
(ग) साहस की (घ) सभी की।
उत्तर:- (क) गुरु ग्रन्थ की
प्रश्न 2. बेटियों को कवि ने बताया है-
(क) वेदों की ऋचाएँ (ख) पावन दुआएँ
(ग) जल की घटाएँ (घ) ये सभी।
उत्तर:- (घ) ये सभी।
प्रश्न 3. जब वातावरण में प्रदूषण का भ्रष्टाचार छाया हो तो बेटियाँ-
(क) शुभकर्म करती हैं। (ख) वातावरण सुगंधित करती हैं
(ग) शक्ति प्रदान करती हैं (घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:- (ख) वातावरण सुगंधित करती हैं
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1.दुर्दिनों के दौर में देखा बेटियाँ … संवेदनाएँ… हैं।
2.मुस्कुरा के पीर पीती हैं…बेटियाँ…
3.बेटियाँ पावन … दुआएँ… हैं।
सत्य/असत्य
1.बेटियाँ पावन दुआएँ हैं,कविता में बेटियों का महत्त्व दर्शाया है। (सत्य)
2.बेटियों को गौरव कथा कहा है। (सत्य)
3.बेटियों में ईश्वर स्वयं बसता है। (सत्य)
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