अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.गाँधी द्वारा स्थापित आश्रम का नाम लिखिए।
उत्तर:गाँधी द्वारा ‘सेवा ग्राम’ आश्रम की स्थापना की गयी है।
प्रश्न 2.लोक संस्कृति का जन्म कहाँ हुआ?
उत्तर:लोक संस्कृति का जन्म गाँवों में हुआ।
प्रश्न 3.लेखक ने संगीत का जन्म किससे माना है?
उत्तर:लेखक ने संगीत का जन्म श्रम से माना है।
प्रश्न 4.ललित कलाओं का स्वभाव कैसा होता है?
उत्तर:ललित कलाओं का स्वभाव फूल जैसा होता है।
प्रश्न 5.ग्रामीण समूचे गाँव को किस रूप में मानता आया है?
उत्तर :ग्रामीण समूचे गाँव को एक परिवार मानता आया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.लेखक समाज से किन प्रश्नों को पूछना चाहता है?
उत्तर:लेखक समाज से ये प्रश्न पूछना चाहता है कि मेरे गाँवों की सुख और शान्ति को किसने छीन लिया। गाँवों की अन्न-धन और लक्ष्मी कहाँ चली गई?
प्रश्न 2.लोक की जीवन्त रसधारा को किसने, कहाँ सुरक्षित रखा है?
उत्तर:लोक की जीवन्त रसधारा को गाँवों ने अपने हृदय-में सुरक्षित रखा है।
प्रश्न 3.अँधेरे को सुहावने प्रभात में कौन, कैसे परिवर्तित करता है?
उत्तर:गाँव की स्त्रियाँ भोर में उठकर आटे के साथ घने अँधेरे को पीसकर सुहावने प्रभात में बदल देती थीं।
प्रश्न 4.गाँव के समृद्ध किसान की स्थिति अब कैसी हो गई है?
उत्तर:गाँव के समृद्ध किसान की स्थिति बढ़ती हुई महँगाई और शोषणकारी समाज व्यवस्था के चलते मज़दूर के रूप में बदल गई है।
प्रश्न 5.श्रम से किसका जन्म होना प्रतीत होता था?
उत्तर:श्रम से संगीत का जन्म होना प्रतीत होता था और यही संगीत लोरी बनकर श्रम को हल्का करने में योगदान देता था।
प्रश्न 6.माटी कुम्हार की हथेली के स्पर्श से किन नवीन रूपों को धारण करती थी?
उत्तर;माटी कुंम्हार की हथेली का स्पर्श पाकर नये-नये रूप धारण करती थी। कभी वह गागर बनती, कभी खपरैल तो कभी माटी का दीप बनकर आशा की किरण जगाया करती थी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.ललित कलाओं का ग्राम्य जीवन में क्या महत्त्व था?
उत्तर:ललित कलाओं का ग्राम्य जीवन में बड़ा महत्त्व था। ये ललित कलाएँ उनमें जीवन का रस घोलती थीं। तीज-त्यौहार, मेले-ठेले तथा चौपालों पर इनके रूप देखने को मिलते थे।
प्रश्न 2.लोकगीत ग्रामीण जीवन में किस प्रकार रचे-बसे थे?
उत्तर:लोकगीत ग्रामीण जीवन की रग-रग में बसे और रचे थे। ग्रामीण जनों का सम्पूर्ण जीवन इन्हीं लोकगीतों के ताने-बाने से बुना हुआ था। उनकी श्वास-प्रश्वास में ये ही गीत समाये हुए थे।
प्रश्न 3.लेखक के अनुसार “गोकुल के सहज-सरल गाँव” का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:लेखक की मान्यता है कि ब्रजमण्डल के गोकुल के गाँव जिस प्रकार सहज एवं सरल थे वैसे ही इस क्षेत्र के सभी गाँव सहज और सरल थे। बनावट एवं कृत्रिमता का उनमें कोई स्थान नहीं था। वहाँ के निवासी सरल एवं भोले-भाले व्यक्ति हुआ करते थे।
प्रश्न 4.गाँब के सुसंस्कृत आदमी की पाँच विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:गाँव का आदमी निरक्षर भले हो लेकिन वह सुसंस्कृत रहा है। उसकी पाँच विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
1. वह विश्वास पर बिक जाता है
2. वह धर्म पर झुक जाता है
3. वह थककर बैठता नहीं हैं
4. झुककर नहीं चलता है और
5. वह दुःख में भी मुस्कुराता रहता है।
प्रश्न 5.गाँव के कुटीर उद्योगों पर आधुनिकता का क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर:गाँव के कुटीर उद्योगों पर आधुनिकता का यह प्रभाव पड़ा है कि गाँव के कुटीर उद्योग नष्ट हो गये हैं। फ्लोर मिल खुल जाने से चक्कियों का चलना बन्द हो गया है, ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यन्त्रों के प्रयोग से किसानों का हल आदि चलाना बन्द हो गया है।
प्रश्न 6.गाँव का आदमी अपने समग्र जीवन से क्या-क्या देने की क्षमता रखता है?
उत्तर:गाँव के आदमी का समग्र जीवन एक अनपढ़ी खुली किताब जैसा है। उसका रहन-सहन, खान-पान, वस्त्राभूषण, आचार-विचार, रीति-रिवाज, गीत और कथाएँ, नृत्य संगीत आदि सभी कुछ हमें कुछ न कुछ देने की क्षमता रखते हैं।
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