वाक्य के भेद:-
(1) रचना की दृष्टि
से
(2) अर्थ की दृष्टि
से
अर्थ के आधार
पर वाक्य के
आठ भेद होते
हैं।
विधानवाचक वाक्य निषेधवाचक
वाक्य
प्रश्नवाचक
वाक्य विस्मयादिबोधक
वाक्य
आज्ञावाचक वाक्य इच्छावाचक
वाक्य
संदेहवाचक वाक्य संकेतवाचक
वाक्य
(1)विधानवाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों
से किसी क्रिया
के करने या
होने की सामान्य
सूचना मिलती है,
उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते
हैं। किसी के अस्तित्व
का बोध भी
इस प्रकार के
वाक्यों से होता
है।
जैसे:- अशोक राज
नगर में रहता
है।
सूर्य पश्चिम में
अस्त होता है।
(2)निषेधवाचक
वाक्य:- जिस वाक्य
में किसी कार्य
के निषेध (ना
होने) का बोध
होता हो, उन्हें
निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। (इन्हें नकारात्मक वाक्य
भी कहते हैं।)
जैसे:- अशोक राज
नगर में नहीं
रहता है।
सूर्य पश्चिम
में अस्त नहीं
होता है।
(3)प्रश्नवाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों
में प्रश्न किया
जाए अर्थात किसी
से कोई बात
पूछी जाए, उन्हें
प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- क्या अशोक
राज नगर में
रहता है?
क्या सूर्य
पश्चिम में अस्त
होता है?
(4)विस्मयादिबोधक
वाक्य:- जिन वाक्यों
में आश्चर्य (विस्मय),
हर्ष, शोक, घृणा
आदि के भाव
व्यक्त हो, उन्हें
विस्मयादिबोधक शब्द कहते
हैं।
जैसे:- अरे! अशोक
राज नगर में
रहता है।
ओह! सूर्य
पश्चिम में अस्त
होता है।
(5)आज्ञावाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों
से आज्ञा या
अनुमति देने का
बोध हो, उन्हें
आज्ञा वाचक वाक्य
कहते हैं।
जैसे:- अशोक, तुम राजनगर
में रहो ।
अशोक, तुम
कल दिल्ली जाओ।
(6)इच्छावाचक
वाक्य:- जिन वाक्यों
में वक्ता की
इच्छा, आशा या
आशीर्वाद को व्यक्त
करने वाले वाक्य
इच्छा वाचक वाक्य
कहलाते हैं।
जैसे:- काश, अशोक
राज नगर में
रहता।
ईश्वर अशोक को
धनवान बनाएं।
(7)संदेहवाचक
वाक्य:- जिन वाक्य
में कार्य के
होने में संदेह
अथवा संभावना का
बोध हो, उन्हें
संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:- शायद अशोक
राज नगर में
रहता है।
संभवत: वह सुधर
जाएगा।
(8)संकेतवाचक
वाक्य:- जिन बातों
में एक क्रिया
के दूसरी क्रिया
पर निर्भर होने
का बोध हो,
उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते
हैं। (इन्हें हेतु वाचक
वाक्य भी कहते
हैं।)
जैसे:- यदि अशोक
राज नगर में
रहना चाहता है
तो रह सकता
है।
वर्षा होती, तो
फसल अच्छी होती।
वाक्य रचना की वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...
https://youtu.be/cc2iokVXlVE
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