कक्षा- 10 पाठ 10- नेताजी का चश्मा - हिंदी गुरु

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मंगलवार, 8 जून 2021

कक्षा- 10 पाठ 10- नेताजी का चश्मा

 

                                      पाठ 10- नेताजी का चश्मा

 

प्रश्न 1.सेनानी होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

उत्तर-सेनानी होते हुए भी लोग चश्मेवाले को कैप्टन इसलिए कहते थे, क्योंकि

1. चश्मेवाले में नेताजी के प्रति अगाध लगाव एवं श्रद्धा भाव था।

2.वह शहीदों एवं देशभक्तों से प्रेम करता था।

3.वह अपने देश से उसी तरह लगाव रखता था जैसा कि फ़ौजी व्यक्ति रखते हैं।

4.उसमें देश प्रेम एवं देशभक्ति का भाव कूट-कूटकर भरा था।

5.वह नेताजी की मूर्ति को बिना चश्मे के देखकर दुखी होता था।

प्रश्न 2.हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा

() हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?

() मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

() हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

() हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?

उत्तर-() हालदार साहब इसलिए मायूस हो गए थे. क्योंकि वे सोचते थे कि कस्बे के चौराहे पर मूर्ति तो होगी पर उसकी आँखों पर चश्मा होगा। अब कैप्टन तो जिंदा है नहीं, जो मूर्ति पर चश्मा लगाए। देशभक्त हालदार साहब को नेताजी की चश्माविहीन मूर्ति उदास कर देती थी।

() मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

उत्तर-() मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि देश में देशप्रेम एवं देशभक्ति समाप्त नहीं हुई है। बच्चों द्वारा किया गया कार्य स्वस्थ भविष्य का संकेत है। उनमें राष्ट्र प्रेम के बीज अंकुरित हो रहे हैं।

() हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

उत्तर-() हालदार साहब सोच रहे थे कि कैप्टन के रहने से नेताजी की मूर्ति चश्माविहीन होगी परंतु जब यह देखा कि मूर्ति की आँखों पर सरकंडे का चश्मा लगा हुआ है तो उनकी निराशा आशा में बदल गई। उन्होंने समझ लिया कि युवा पीढ़ी में देशप्रेम और देशभक्ति की भावना है जो देश के लिए शुभ संकेत है। यह बात सोचकर वे भावुक हो गए।

प्रश्न 3.आशय स्पष्ट कीजिए

‘‘बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-जिंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।

उत्तर- उक्त पंक्ति का आशय यह है कि बहुत से लोगों ने देश के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। कुछ लोग उनके बलिदान की प्रशंसा करके ऐसे देशभक्तों का उपहास उड़ाते हैं। लोगों में देशभक्ति की ऐसी घटती भावना निश्चित रूप से निंदनीय है। ऐसे लोग इस हद तक स्वार्थी होते हैं कि उनके लिए अपना स्वार्थ ही सर्वोपरि होता है। वे अपने स्वार्थ की सिद्धि के लिए देशद्रोह करने तक को तैयार रहते हैं।

प्रश्न 4.पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- पानवाला अपनी पान की दुकान पर बैठा ग्राहकों को पान देने के अलावा उनसे कुछ कुछ बातें करता रहता है। वह स्वभाव से खुशमिज़ाज, काला मोटा व्यक्ति है। उसकी तोंद निकली हुई है। उसके सिर पर गिने-चुने बाल ही बचे थे। ज्यादा पान खाने के कारण उसके दाँत काले-लाल हो चुके थे| वह हरदम अपने मुँह में पान भरे रहता था|

प्रश्न 5.“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”

कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

उत्तर- “वह लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल !” पानवाला कैप्टन चश्मेवाले के बारे में कुछ ऐसी ही घटिया सोच रखता है। वास्तव में कैप्टन इस तरह की उपेक्षा का पात्र नहीं है। उसका इस तरह मजाक उड़ाना तनिक भी उचित नहीं है। वास्तव में कैप्टन उपहास का नहीं सम्मान का पात्र है जो अपने अति सीमित संसाधनों से नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाकर देशप्रेम का प्रदर्शन करता है और लोगों में देशभक्ति की भावना उत्पन्न है।

 

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6.निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं

() हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

() पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हु बोलासाहब! कैप्टन मर गया।

() कैप्टन बार-बारे मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।

 

() हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

उत्तर-() हालदार साहब का हमेशा चौराहे पर रूकना और नेताजी को निहारना यह प्रकट करता है कि उनके अंदर देशभक्ति की भावना प्रबल थी और वे स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करनेवाले महापुरूषों का ह्रदय से आदर करते थे| नेताजी को पहनाए गए चश्मे

के माध्यम से वे कैप्टन की देशभक्ति को देखकर खुश होते थे जिनके लिए उनके मन में श्रद्धा थी।

() पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हु बोलासाहब! कैप्टन मर गया।

उत्तर-() पानवाला प्रायः कैप्टन चश्मेवाले का उपहास उड़ाया करता था, जिससे ऐसा लगता था, जैसे उसके अंदर देशभक्ति का भाव नहीं है पर जब कैप्टन मर जाता है तब उसके देशप्रेम की झलक मिलती है। वह कैप्टन जैसे व्यक्ति की मृत्यु से दुखी होकर हालदार को उसकी मृत्यु की सूचना देता है। ऐसा करते हुए उसकी आँखें भर आती हैं।

() कैप्टन बार-बारे मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।

उत्तर-() कैप्टन द्वारा बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगाना यह प्रकट करता है कि वह देश के लिए त्याग करने वाले लोगों के प्रति अपार श्रद्धा रखता था। उसके ह्रदय में देशभक्ति और त्याग की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।

प्रश्न 7.जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर-जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात रूप से नहीं देखा था तब तक उनके मानस पटल पर कैप्टन का व्यक्तित्व एक फ़ौजी व्यक्तिजैसा रहा होगा जो लंबे कदवाला मजबूत कद-काठी वाला हट्टा-कट्टा दिखता होगा। उसका चेहरा रोबीला तथा घनी मूंछों वाला रहा होगा। वह अवश्य ही नेताजी की फ़ौज का सिपाही रहा होगा। वह हर कोण से फ़ौजियों जैसा दिखता होगा।

 

प्रश्न 8.कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है

() इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?

() आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों ?

() उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए-

 

() इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?

उत्तर-() ऐसी मूर्तियाँ लगाने का उद्देश्य सजावटी होकर उद्देश्यपूर्ण होता

1.लोग ऐसे लोगों के कार्यों को जाने तथा उनसे प्रेरित हों।

2.लोगों में अच्छे कार्य करने की रुचि उत्पन्न हो और वे उसके लिए प्रेरित हों।

3.लोग ऐसे लोगों को भूलें तथा उनकी चर्चा करते हुए युवा पीढ़ी को भी उनसे परिचित कराएँ।

 

() आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों ?

उत्तर-( () मैं अपने इलाके के चौराहे पर चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगवाना चाहूँगा ताकि लोगों विशेषकर युवावर्ग को अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिले। वे अपनी मातृभूमि पर आंच आने दें और अपने जीते जी देश को गुलाम होने से बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने से भी हिचकिचाएँ। इसके अलावा युवाओं में देश-प्रेम और देशभक्ति की भावना बलवती रहे।

 

() उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए-

उत्तर-( () चौराहे या कस्बे में लगी समाज सेवी या अन्य उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति की प्रतिमा के प्रति हमारा तथा अन्य लोगों का यह उत्तरदायित्व होना चाहिए कि

1.हम उसकी साफ़-सफ़ाई करवाएँ।

2.साल में कम से कम एक बार वहाँ ऐसा आयोजन करें कि लोग वहाँ एकत्र हों और उस व्यक्ति के कार्यों की चर्चा की जाए।

3.उस व्यक्ति के कार्यों की वर्तमान में प्रासंगिकता बताते हुए उनसे प्रेरित होने के लिए लोगों से कहें।

4.मूर्ति के प्रति सम्मान भाव बनाए रखें।

प्रश्न 9.निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए-

कोई गिराक गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला चौखट दे दिया।

उत्तर-

1.कोई गिराक गया समझो।    -     मान लो कोई ग्राहक गया।

2.उसको चौड़े चौखट चाहिए।     -     उसे चौड़ा फ्रेम चाहिए।

3.तो कैप्टन किदर से लाएगा?     -     तो कैप्टन कहाँ से लाएगा?

4.तो उसको मूर्तिवाला चौखट दे दिया। -   तो उसे मूर्तिवाला फ्रेम दे दिया।

अगर आपको इन प्रश्नों और उत्तर का वीडियो देखना है, तो इस लिंक पर क्लिक करें...

https://youtu.be/NMS5ovK7bBU

 

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