कक्षा-9 अध्याय-8 "एक कुत्ता और एक मैना" के प्रश्न और उत्तर - हिंदी गुरु

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शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020

कक्षा-9 अध्याय-8 "एक कुत्ता और एक मैना" के प्रश्न और उत्तर

 


                 एक कुत्ता और एक मैना

प्रश्न 1. गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?
उत्तर- गुरुदेव अस्वस्थ थे। उन्हें एकांत और आराम की आवश्यकता थी। शांति निकेतन में दिन-भर आने-जाने वालों का ताँता लगा रहता था। इसलिए वे श्रीनिकेतन के अपने पुराने तिमंजले मकान में निवास करेंगे।

प्रश्न 2. मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- मूक प्राणी भी बहुत संवेदनशील होते हैं। वह स्वामिभक्त कुत्ता गुरुदेव का सान्निध्य पाने के लिए दो मील का अनजान रास्ता तय करके गुरुदेव के पास श्री निकेतन गया और गुरुदेव का प्यार भर। स्पर्श पाकर आनंदित हो उठा। इसी तरह गुरुदेव की मृत्यु पर वह चिताभस्म लाने वाले के साथ-साथ चलता हुआ उत्तरायण तक आया और चिताभस्म के पास बड़ी देर तक शांत भाव से बैठा रहा।

प्रश्न 3.गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?
उत्तर- गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी गई कविता के मर्म को लेखक तब समझ पाया, जब उसने मैना के मुख के भावों पर ध्यान केंद्रित किया। उसके सामने मैना की करुण छवि साकार हो उठी। पहले उसने उसके करुण भावों पर ध्यान नहीं दिया था। परंतु कविता पढ़ने के बाद ध्यान दिया तो उसे कविता का मर्म भी समझ में गया

प्रश्न 5. आशय स्पष्ट कीजिए-
इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य, मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पाता।

उत्तर रवींद्रनाथ ठाकुर कवि थे। उन्हें मर्मभेदी दृष्टि प्राप्त थी। इसी के बल पर वे कुत्ते जैसे भाषाहीन राणी के भीतर छिपेपूर्ण समर्पणको देख पाए। उन्होंने देखा कि कुत्ता उन पर विश्वास रखता है, उन्हें चेतन शक्ति मानकर पूरे प्राणपण से उन पर न्योछावर हो सकता है। इस प्रकार रवींद्रनाथ ने कुत्ते के भीतर उस मानवीय अनुभूति को देख लिया जो कि प्राय: मनुष्य एक मनुष्य के भीतर भी नहीं देख पाता।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6. पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार पर ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।
उत्तर-  मेरे बगीचा में एक चिड़िया पेड़ पर रहती थी। वह घोंसला बनाने के लिए रोजाना तिनके,कपड़े के टुकड़े,घास आदि लाती थी। उसी पेड़ पर एक बंदर भी बैठता था। जब चिड़िया घास-फूस,तिनको से घोंसला बना रही होती है, तभी बंदर खो-खो करके उसका मजाक बनाता था। चिड़िया बेचारी चुप रह जाती थी। बे दोनों एक पेड़ पर ही रहते थे,तभी वर्षा होने लगी। चिड़िया जाकर अपने घोंसले में बैठ गई और पानी में भीगने से बच गई,किंतु बंदर भीगता रहा। तब चिड़िया ने झांककर उसको संकेतों से समझाया कि प्राणी को दूरदर्शी होना चाहिए। किंतु बंदर अपनी आदतों से मजबूर था।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 7.           1. गुरुदेव ज़रा मुसकरा दिए।

                   2. मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।

ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य छाँटिए।
उत्तर-

अकर्मक वाक्य                                                   

सकर्मक वाक्य

1.       अधिकांश लोग बाहर चले गए थे।

2.       गुरुदेव जरा मुसकुरा देते थे।

3.       वे सबसे ऊपर के तल्ले में रहने लगे।

4.       गुरुदेव वहाँ बड़े आनंद में थे।

1.       एक दिन हमने सपरिवार उनके दर्शन की ठानी।।

2.       हम लोग उस कुत्ते के आनंद को   देखने लगे।

3.       आँखें मूंदकर अपने रोम-रोम से उस स्नेह-रस का अनुभव करने लगा।

4.       देखो, कितनी परितृप्ति इनके चेहरे पर दिखाई दे रही है।

 

प्रश्न 8. निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए-
(
) मीना कहानी सुनाती है।
(
) अभिनव सो रहा है।
(
) गाय घास खाती है।
(
) मोहन ने भाई को गेंद दी।
(
) लड़कियाँ रोने लगीं।

उत्तर-1. मीना कहानी सुनाती है- सकर्मक क्रिया

2. अभिनव सो रहा है- अकर्मक क्रिया

3. गाय घास खाती है।- सकर्मक क्रिया

4. मोहन ने भाई को गेंद दी।- सकर्मक क्रिया

5. लड़कियां रोने लगी।- अकर्मक क्रिया

प्रश्न 9. नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं; जैसे-
समय-असमय, अवस्था-अनवस्था
इन शब्दों मेंउपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।
पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उनमेंएवंअन्उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।

उत्तर-
औरअन्उपसर्ग से बने शब्द-

शब्द    उपसर्ग     नए शब्द

 

शब्द    उपसर्ग     नए शब्द

 

प्रचलित- - अप्रचलित

स्वीकार- - अस्वीकार

सहज- - असहज

मूल्य- - अमूल्य

सत्य- - असत्य

शांत- - अशांत

 

एक- अन- अनेक

जान- अन- अनजान

आरोप- अन- अनारोप

आश्चर्य- अन- अनआश्चर्य

भला- अन- अनभला

आक्रमण- अन- अनआक्रमण


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