भाषा की परिभाषा - हिंदी गुरु

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रविवार, 19 जुलाई 2020

भाषा की परिभाषा


                                     

भाषा ही वह साधन है, जिसके द्वारा एक प्राणी अपने समूह के अन्य प्राणी से अपने विचार या भाव प्रकट कर सकते हैं कीड़े-मकोड़े पशु-पक्षी भी अपने भाव व्यक्त करते हैं चींटी को यदि किसी स्थान पर भोजन का पता चले तो वह अपने समूह को सूचित कर देती है चिड़िया भी यहचाहा कर अपने समूह को सूचित करती हैं
हम भाषा के अंतर्गत उसी भाषा की चर्चा कर रहे हैं, जो मनुष्य के मुख से निकलती है तथा सार्थक होती है। हिंदी भाषा में हम जैसा बोलते हैं, उसी रूप में लिखते भी हैं।

भारत की राष्ट्रभाषा हमारी मातृभाषा हिंदी है
अपनी बात कहने या दूसरे के विचार जानने के लिए दो साधनों उपयोग करना पड़ता है
(1) बोलकर (2) लिखकर

परिभाषा:- भाषा वाह साधन है, जिसके द्वारा हम बोलकर या लिखकर अपने विचार प्रकट करते हैं और दूसरों के विचार जान सकते हैं। वाक्य भाषा के महत्वपूर्ण अंग होते हैं।

लिपि:- भाषा के लिखित रूप को लिपि कहते हैं।
हिंदी और संस्कृत भाषा की लिपि- देवनागरी है।
जो सदैव बाएं से दाएं की ओर लिखी जाती है।
अंग्रेजी भाषा की लिपि- रोमन है।
ऐसे भी बाएं से दाएं की ओर लिखी जाती है।
उर्दू भाषा की लिपि फारसी है।
जो दाएं से बाएं लिखी जाती है।

वर्ण (अक्षर):- मुख से निकलने वाली छोटी से छोटी ध्वनि वर्ण कहलाती है। यह भाषा की लघुतम इकाई है, इसके टुकड़े नहीं किए जा सकते वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं।
(1) स्वर (2) व्यंजन

(1)    स्वर:- हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर होते हैं। इनका उच्चारण बिना किसी अवरोध के होता है यह दो प्रकार के होते हैं। ह्रास स्वर और दीर्घ स्वर।
ह्रास स्वर- ,  , ,,  

दीर्घ स्वर-  , , , , , ,


, , ,, ,,, , , ,

(2) व्यंजन:- हिंदी वर्णमाला में कुल 38 व्यंजन होते हैं। (33+2+3) इनका उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है।
   , , , ,
   , , , ,
   , , , , ,(ड़, ढ़)
   , , , ,
   , ,, ,
   , , ,
   , , ,
  क्ष , त्र, ज्ञ
संयुक्त अक्षर:-
 क्ष = क् + ष् +
 त्र = त् + र्  +
 ज्ञ = ज् + ञ् +
  श्र = श् + र्  +
अगर आपको इन का वीडियो देखना है तो इस लिंक पर क्लिक करें...
https://youtu.be/lLfSujqf5qE

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