तत्सम - तद्भाव
तत्सम की परिभाषा:- तत्सम
दो शब्दों से
मिलकर बना है। तत्+सम जिसका
अर्थ होता है,
ज्यों का त्यों, जिन
शब्दों को संस्कृत
से बिना किसी
परिवर्तन के लिया
जाता है, उन्हें
तत्सम शब्द कहते
हैं ।
तद्भव की परिभाषा:- समय
और परिस्थिति की
वजह से तत्सम
शब्दों में जो
परिवर्तन हुए हैं,
उन्हें तद्भव शब्द कहते
हैं। बे संस्कृत के शब्द
जिनमें समय और
परिस्थिति के कारण
परिवर्तन किया है,
उन्हें तद्भव शब्द कहते
हैं । मैंने तत्सम और तद्भव के कुछ नियम बताएं हैं ।
नियम 1 अगर
किसी शब्द के
अंत में ण
आबे तो ण
के स्थान पर
न हो जाता
है।
(ण = न)
तत्सम शब्द तद्भव शब्द
त्रिगुण - तिगुना
किरण - किरन
स्वर्ण - सोना
लक्ष्मण - लखन
कंकण - कंगन
कोण - कोना
चूर्ण - चूरन
नियम 2 (दो) अगर तत्सम
शब्द के अंत
में ( क्ष, त्र,
ज्ञ, श्र,)
आवे दो उसके
स्थान
पर क्रमशः (ख,
त, ज, स,)
हो जाता है।
तत्सम शब्द तद्भव
शब्द
क्षेत्र - खेत
अश्रु - आंसू
गोत्र - गोत
अज्ञान - अनजान
चरित्र - चरित्र
अक्षर - आखर
चैत्र - चैत
आश्रय - आसरा
परीक्षा - परख
पुत्र - पूत
मित्र - मीत
रात्रि - रात
शिक्षा - सीख
श्रंगार - सिंगार
नियम ( 3) अगर
किसी शब्द में ¡ हो तो
हमेशा वह शब्द तद्भव
ही होगा।
तत्सम शब्द तद्भव शब्द
उच्च – ऊ¡चा
कुमार – कु¡वर
दUत – दा¡त
सर्प – सा¡प
हास्य - ह¡सी
चंद्र – चा¡द
भ्रमर – भ¡वरा
नियम 4 अगर
किसी शब्द में
र हो
तो वह शब्द
हमेशा तत्सम होगा।
तत्सम शब्द
अमृत -
कृषक -
ग्रंथि -
सूर्य -
अग्र -
अट्टालिका
अग्नि -
दुर्बल -
भ्राता -
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